भाग्य और कर्म: विवेचना

भाग्य और कर्म: विवेचना

जीवन का सफ़र विचित्र होता है, जो हमें सदैव नये रूपों में प्रस्तुत करता है। मान्यताओं का आधार तभी मजबूत होता है जब वह अनुभव पर आधारित हो।

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